डेस्क- शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के परिवार को आगरा में चेक सौंपने गए यूपी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय विवादों में हैं. अब मंत्री जी ने विवादों पर अपनी सफाई दी है और सारा ठीकरा कांग्रेस और मीडिया पर फोड़ दिया.
उन्होंने कहा, हम उनकी पत्नी (कैप्टन शुभम की मां) से मिलने नहीं गए थे. बल्कि वो परिवार मेरा बहुत करीबी है. मैंने उस बच्चे को बचपन से खिलाया है. रात साढ़े 10 बजे मुझे शहीद के बारे में खबर मिली, तब एक सुदूर गांव में था. मैं वहां से तुरंत निकला और रात 2 बजे शहीद कैप्टन के घर पहुंचा. उस परिवार से इतना ज्यादा लगाव है.
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री जी ने श्रद्धांजलि के रूप में परिवार को 25-25 लाख रुपए दो चेक भेजे थे. एक शहीद की मां के नाम और दूसरा शहीद के पिता को दिया दिया जाना था. सीएम ने यह भी कहा था कि एक सरकारी नौकरी देंगे. किसी भी सड़क का नामकरण भी किया जाएगा. मंत्री का कहना था, मुझे सुबह एसडीएम ने कहा कि ये दोनों चेक आपको पहुंचाने हैं और नौकरी-सड़क नामकरण के बारे में भी पूछना है.
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मंत्री ने आगे बताया, परिजन खुद शहीद कैप्टन की मां को बाहर लेकर आए. वे खुद लोगों से मिलीं. बसंत गुप्ता को चेक दिया जा रहा था. प्रेस वाले लोग उधर अपने अपने फ्लैश चमकाने लगे. इस पर वो प्रेस से कह रही थीं कि देखो इसकी प्रदर्शनी मत लगाइए. एक कांग्रेस के नेता ने उसी क्लिप को दूसरे ढंग से पेश किया और मीडिया ने दूसरे पक्ष को बिना सुने प्रसारित कर दिया. यह थोड़ा अफसोस की बात है. आज उनके पिताजी का भी बयान आ गया है. उन्होंने भी कहा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई.
उन्होंने कहा, उस बच्चे का बचपन में मैंने खिलाया है. उसके एडमिशन करवाए. जब वो कमीशन पर गया तब मैं सी ऑफ करने गया था. बाद में जब वो कमीशन से लौटकर आया तो घर में गेट टू गेदर में भी गया. मैं वहां फोटो खिंचवाने क्यों जाऊंगा. उस परिवार के साथ तो ना जाने कितने फोटो होंगे.