डेस्क- केंद्र सरकार के हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों ने देशव्यापी हड़ताल बुलाई है. इस दौरान कई ट्रेलर, ट्रक और बसों के पहिए थम गए. देशभर के ट्रक ड्राइवर्स का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन मंगलवार (2 दिसंबर) को भी जारी रहा. आवश्यक चीजों की सप्लाई पर इसका बड़ा असर पड़ना शुरू हो गया है. खासकर ट्रक-टैंकरों की हड़ताल के आगे जारी रहने की संभावना के चलते अब लोगों को पेट्रोल-डीजल की किल्लत होने का डर सता रहा है. इस वजह से कई राज्यों में मंगलवार को पेट्रोल भरवाने और टैंक फुल करवाने को लेकर वाहनों की लंबी कतार लग गईं. वहीं एक माह तक इसकी सप्लाई नहीं होने की अफवाह से कई राज्यों में अफरा-तफरी फैल गई है. इस बीच कई पेट्रोल पंपों पर पुलिस को तैनात किया गया और पुलिस की निगरानी में पेट्रोल बांटा जा रहा है.
दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश में हड़ताल ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि ड्राइवर अपनी इच्छा से हड़ताल पर हैं. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं. इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर की सेवाएं ठप हो गई हैं. इसी वजह से पूरा सिस्टम प्रभावित हुआ है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन हड़ताल को लेकर मंगलवार को एक बैठक में फैसला लेगा.
वहीं, इस हड़ताल के बाद कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर ताले डलने की नौबत आ गई है. सप्लाई चैन प्रभावित होने से लोगों की रोजमर्रा की जरूरत पर संकट बढ़ गया है. दूध, सब्जियां, दवाएं, खाने-पीने का सामान, रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की किल्लत प्रमुख तौर पर बढ़ने की संभावना हो गई है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से खबर है कि वहां स्कूल बसों से लेकर कैब सर्विस भी ठप हो गई है. यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है. भोपाल में निजी एंबुलेंस भी इस हड़ताल में शामिल हो गई हैं.
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क्यों हो रहा है विरोध
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने रोड रेज या हिट एंड रन (रोड एक्सीडेंट) करके भागने वालों के खिलाफ कानून में बड़े बदलाव किए हैं. ये कानून जल्द ही लागू होने वाला है. नए कानून के तहत, अब कोई ड्राइवर रोड एक्सीडेंट करके भाग नहीं सकता है. अगर कोई शख्स रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा होगी और 7 लाख रुपए तक का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है. हालांकि, मानवीयता दिखाने पर कुछ राहत का भी प्रावधान किया गया है. अगर एक्सीडेंट करने वाला ड्राइवर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी. सरकार का कहना है कि इससे मौतों की संख्या में कमी आएगी और लोगों को सही समय पर उपचार मिल सकेगा.
वहीं, ट्रक-टैंकर और अन्य ड्राइवर्स का कहना है कि हादसे के बाद घटनास्थल पर रुकना उनके लिए खतरा बन सकता है. किसी भी हादसे के बाद लोगों में नाराजगी देखने को मिलती है और भीड़ की शक्ल में लोग तोड़फोड़, हंगामा, मारपीट और आगजनी तक पर उतारू हो जाते हैं. ऐसे में अगर भीड़ ने घेर लिया तो जान मुसीबत में आ सकती है।
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