डेस्क- भारतीय नौसेना के एडमिरल के कंधों पर लगने वाले एपोलेट्स अब बदले रूप में दिखाई देंगे. इन एपोलेट्स को छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना के एनसाइन और राजमुद्रा से प्रेरित होकर बनाया गया है. नौसेना दिवस पर सिंधुदुर्ग में यह घोषणा पीएम मोदी ने की थी. अब लागू कर दिया गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा भी कहा था कि भारतीय नौसेना अपने रैंकों का नाम अब भारतीय परंपराओं के अनुरूप रखेगी. उन्होंने कहा था कि हम ब्रिटिश काल के रैंक्स को बदलेंगे. उसकी जगह भारतीय नाम रखे जाएंगे. हम छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित हैं. हम उन्हीं की तरह गुलामी बर्दाश्त नहीं कर सकते. हमें इस मानसिकता से बाहर आना होगा. इसलिए ऐसे नाम और प्रतीकों को खत्म करना होगा, जो गुलामी की प्रथा को जीवित रखे हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय नौसेना के जूनियर और नॉन कमीशन्ड रैंक्स के नाम पहले बदले जा सकते हैं. ये हैं मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर फर्स्ट क्लास, मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर सेकेंड क्लास, चीफ पेटी ऑफिसर, पेटी ऑफिसर, लीडिंग सीमैन, सीमैन फर्स्ट क्लास और सीमैन सेकेंड क्लास. इन रैंक्स के नाम बदलने का असर नौसेना के 65 हजार नौसैनिकों से ज्यादा पर पड़ेगा. लेकिन अधिकारियों के नाम फिलहाल वैसे ही रहेंगे, जैसे अभी हैं.
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