डेस्क- भारतीय कुश्ती महासंघ के 21 दिसंबर को हुए चुनाव के बाद 22 दिसंबर को दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखते हुए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही. बजरंग ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी है. पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी. पूनिया ने ये चिट्ठी भी X पर शेयर की है. बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरा स्टेटमेंट हैं.
बजरंग पुनिया ने कहा, ”हम बहन-बेटियों की लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन मैं उन्हें सम्मान नहीं दिला पाया, इसलिए मैंने यहां गेट पर अपना मेडल रख दिया है.” पूनिया अपना पुरस्कार लेकर दिल्ली के कर्तव्य पथ से जा रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से कहा, ”मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दे दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक पहुंचा दे.”
बजरंग पूनिया ने अपने पत्र में कहा, ”…जिन बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड अंबेसडर बनना था, उनको इस हाल में इस हाल में पहुंचा दिया गया कि उनको अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा. हम ‘सम्मानित’ पहलवान कुछ नहीं कर सके. महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं ‘सम्मानित’ बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा. ऐसी जिंदगी कचोटती ताउम्र मुझे. इसलिए ये ‘सम्मान’ मैं आपको लौटा रहा हूं.”
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)
बता दें कि गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के चुनाव में सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह अध्यक्ष के रूप में चुने गए. इसके बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती त्यागने का ऐलान किया था. उस समय बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी वहीं थे. एक दिन बाद बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटाने की बात कही.
ये पहलवान लंबे समय से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई दिनों तक धरना भी दिया था.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)