पटना- सारण लोकसभा सीट से आरजेडी कैंडिडेट और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है. रिट चायिका में उन्होंने चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें रोहिणी के नामांकन को स्वीकृत किया गया था.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में रोहिणी की नागरिकता को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं. उनकी दलील है कि रोहिणी आचार्या के पासपोर्ट की कोई जाँच नहीं की गई है कि सात वर्षों से भी अधिक सिंगापुर में रहते हुए रोहिणी ने वहां की नागरिकता प्राप्त की है या नहीं ?
रोहिणी की भारत की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है किभारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 एवं 102 के तहत रोहिणी लोक सभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं. अतः उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिए था.
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याचिकाकर्ता का आरोप है कि सारण के रिटर्निंग ऑफिसर ने ऐसे कई तथ्यों की जांच किए बगैर ही रोहिणी का नामांकन पत्र स्वीकृत कर लिया जबकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 36 के तहत उनका नामांकन स्वीकृत किए जाने से पहले जांच जरूरी थी.
याचिकाकर्ता ने ये भी आरोप लगाया है कि चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होने के अलावा रोहिणी ने अपने नामांकन पत्र के साथ दायर शपथपत्र में अनेक गलत तथ्य प्रस्तुत किए हैं. मसलन अपने घर का कोई पता सारण जिले या पटना जिले का नहीं दिया है.
“अपनी संपत्ति के विवरण में भी रोहिणी ने कोई पता नहीं लिखा है.रोहिणी आचार्या ने अपने नामांकन पत्र एवं शपथ पत्र में अपने सिंगापुर के घर, आय और वहां के निवासी के रूप में अपनी स्थिति को पूरी तरह से छिपा लिया है.
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