डेस्क- दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एक याचिका को ख़ारिज करते हुए याचिका लगाने वाले वकील पर एक लाख का जुर्माना लगाया. याचिका में अरविंद केजरीवाल को जेल में मुख्यमंत्री कार्यालय स्थापित करने की अनुमति और सुविधाएं देने की मांग की गई थीं. इसके साथ ही मीडिया को मुख्यमंत्री के संभावित इस्तीफे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बारे में सनसनीखेज खबरें देने से रोकने की भी मांग की.
दरअसल, वकील श्रीकांत प्रसाद की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिकादायर की गई थी जिसमे दिल्ली सरकार को तिहाड़ जेल में केजरीवाल को पर्याप्त सुविधाएं देने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी, ताकि वह जेल से अपने मंत्रियों और अन्य विधायकों के साथ बातचीत कर सकें और दिल्ली सरकार को प्रभावी ढंग से चला सकें. इसके साथ ही मीडिया को मुख्यमंत्री के संभावित इस्तीफे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बारे में सनसनीखेज खबरें देने से रोकने की भी मांग की गई थी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा, ‘हम क्या करें? क्या हम आपातकाल या मार्शल कानून लागू करें? हम प्रेस और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्रतिबंध के आदेश कैसे पारित कर सकते हैं? हाईकोर्ट ने कहा कि वह मीडिया को अपने विचार प्रसारित करने से नहीं रोकेंगे या सीएम केजरीवाल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को उनके खिलाफ विरोध करने से नहीं रोक सकते हैं.
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दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा कि वह न तो मीडिया को विचारों को प्रसारित न करने का निर्देश देकर सेंसरशिप लगा सकती है. इसके साथ ही न ही राजनीतिक विरोधियों को अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करने वाले बयान देने से रोक सकती है.
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