पटना- राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरा लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जाएगा. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी है. भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसन्नता जाहिर की है. नीतीश कुमार ने लालकृष्ण आडवाणी जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिये जाने की घोषणा पर बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिये जाने का केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है. मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया.
इधर, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने का विरोध RJD ने किया है. राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने समाज के शोषित-वंचित लोगों की लगातार सेवा की थी. उनके लिए जीवन पर्यंत काम करते रहे थे. उन्हें भारत रत्न दिया गया तो यह अच्छी बात थी लेकिन मंडल के विरोध में कमंडल लेकर सड़क पर उतरने वाले लालकृष्ण आडवाणी को किस हैसियत से भारत सरकार ने भारत रत्न दिया है. एजाज अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार किस तरह से काम कर रही है और किस तरह से ऐसे अवार्ड ऐसे लोगों को दे रही है जिनका कभी भी समाज के महत्वपूर्ण कार्यों में कोई योगदान नहीं रहा है.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया गया है और उससे पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया गया था, इससे स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं समाज के एक वर्ग को खुश करने के लिए फिर से केंद्र सरकार ने एक बहुत बड़ा दांव खेला है. उन्होंने कहा कि वह दिन भी देश की जनता को याद है जब देश में मंडल कमीशन लागू किया गया था और उसके विरोध में लाल कृष्ण आडवाणी सोमनाथ मंदिर से रथ लेकर रवाना हुए थे. राम मंदिर निर्माण के मिशन को शुरू कर दिया था. निश्चित तौर पर उस समय में देश की क्या हालत हुई थी वह भी जनता को याद है. ऐसे लोगों को अगर वर्तमान सरकार भारत रत्न देती है तो निश्चित तौर पर हम इसका कड़ा विरोध करेंगे.
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