रांची- झारखंड की राजनीति में आज बड़ा दिन है. ED की टीम दोपहर 1 बजे सीएम आवास पहुंच गई है. सीएम आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी रखी गई है. वहीं, सत्तारूढ़ झामुमो ने भी ED की कार्रवाई के विरोध की तैयारी की है. सोरेन के आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में सीआरपीसी के तहत धारा 144 लागू कर दी गई है. यह प्रतिबंधात्मक आदेश रात 10 बजे तक लागू रहेगा. इस दौरान किसी भी प्रकार के धरना या प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम की गिरफ्तारी भी आज हो सकती है. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होने पर उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा और गठबंधन सरकार को नया नेता चुनना पड़ेगा. ऐसे में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और पार्टी के सीनियर नेता चंपई सोरेन का नाम चर्चा में है. चंपई भी आदिवासी समाज से आते हैं और शिबू सोरेन के बेहद करीबी हैं. राजनीति में आने से पहले चंपई खेती-किसानी का काम करते थे. इस समय हेमंत सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री हैं और उनके पास परिवहन मंत्रालय है. वे सरायकेला से विधायक हैं. झारखंड आंदोलन में चंपई सोरेन भी शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं. हेमंत भी चंपई का सम्मान करते हैं और कई मौकों पर उनसे सलाह-मशविरा करते हैं. वहीं, हेमंत की पत्नी प्ले स्कूल संचालित करती हैं और उद्यमी भी हैं.
सूत्रों का कहना है कि विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन ने दो सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं. एक पत्र में कल्पना सोरेन के लिए और दूसरे पत्र में मंत्री चंपई सोरेन के नाम पर दस्तखत करवाए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि झामुमो विधायकों (7 विधायक कल बैठक में मौजूद नहीं थे) ने कल्पना सोरेन और चंपई सोरेन के समर्थन में दो पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं.
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अगर हेमंत को गिरफ्तार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में नई सरकार की कवायद शुरू करनी होगी. उस समय ये पत्र अहम होंगे और किसी एक नाम पर आखिरी सहमति बनाकर राज्यपाल को चिट्ठी सौंपी जा सकती है. पहले विकल्प के तौर पर कल्पना सोरेन का नाम है. वो हेमंत की पत्नी हैं. लेकिन, हेमंत के भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन को झामुमो के 18 विधायकों का समर्थन हासिल है. शिबू सोरेन भी बसंत सोरेन का समर्थन कर रहे हैं. बहरहाल झारखण्ड पर इस वक्त देश भर की निगाहें तिकी हैं. देखना होगा कि शामतक ED क्या रुख अख़्तियार करती है.