पटना- रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले की जांच कर रही ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में नयी चार्जशीट दायर की है. ईडी की ओर से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है. इसमें लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव को भी आरोपी बनाया गया है. ईडी की नई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में हेमा यादव के अलावा राबड़ी देवी, मीसा भारती, अमित कात्याल, हृदयानंद चौधरी समेत कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
ईडी की नयी चार्जशीट के बाद राजद ने बीजेपी सरकार को चेतावनी दी है. राजद के सांसद मनोज झा ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि ईडी की चार्जशीट को बीजेपी के दो नेताओं ने तैयार करवाया है. मनोज झा ने कहा- हम जान रहे हैं कि आप समन पर समन आप दीजियेगा. लेकिन आपकी ये बदले की राजनीति जल्द खत्म होने जा रही है. मैं आगाह कर रहा हूं नरेंद्र मोदी को. सत्ता का चरित्र है, हमेशा साथ नहीं रहती है. कल को आपको बड़े चक्कर काटने पड़ेगे ईडी, सीबीआई और आईटी के.
मनोज झा ने कहा कि ये मामला 2008 का है, यानि 16 साल पुराना मामला है. इसमें रेलवे मंत्रालय ने कोई शिकायत नहीं की है. आज भी रेलवे के अधिकारियों का इस केस में नाम नहीं है. घर की महिलाओं का नाम चार्जशीट में दे दिया गया है, जिनका रेलवे के कार्य संचालन से कोई मतलब नहीं था. ये सब हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए किया जा रहा है. अमित कात्याल सीबीआई का प्रोटेक्टेड गवाह है, उनको ईडी उठा रही है. ये कौन सा कानून है.
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दरअसल, सीबीआई ने रेलवे में खलासी काम करने वाले हृदयानंद चौधरी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था. हृदयानंद चौधरी को लालू यादव के रेल मंत्री रहते बिना किसी कागज और प्रक्रिया के नौकरी दी गयी थी. बाद में ये हृदयानंद चौधरी लालू यादव की बेटी हेमा यादव का मुंहबोला भाई बन गया और उसने पटना में करीब ढ़ाई कट्ठे का एक प्लॉट अपनी मुंहबोली बहन हेमा यादव को गिफ्ट कर दिया. अपने नाम पर जमीन लिखवाने वाली हेमा यादव को इसी कारण जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में अभियुक्त बनाया गया है.