लखनऊ- यूपी के लखनऊ से बड़ी खबर सामने आई है जहां जनता के रक्षा करने वाले पुलिसकर्मी ही कुछ पैसों के लिए अपराधी बन गए. मिली जानकारी अनुसार सिपाही और दरोगा ने कुछ हिस्ट्रीशीटर के साथ मिलकर एक कपड़े के व्यापारी को किडनैप कर उससे फिरौती की मांग की. गनीमत रही कि व्यापारी ने किसी तरह खुद को बदमाशों के चंगुल से छुड़ाया और फिर मदद की गुहार लगाई, तब जाकर पूरा मामला सामने आया. इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस वालो के भी होश उड़ गए. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने करवाई करते हुए दोनो पुलिसकर्मी सहित 4 बदमाशो को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है.
जानकारी के अनुसार, बिजनौर के रहने वाले इश्तियाक कपड़े का व्यापार करते हैं. इसी के चलते वह विगत 29 नवंबर को आजमगढ़ में कपड़ा बेचने गए थे. इसी दौरान बस अड्डे के पास कुछ लोग बोलेरो से आए और खुद को पुलिसकर्मी बताकर व्यापारी इश्तियाक को गाड़ी में जबरन बैठाकर अगवा कर लिया. इसके बाद व्यापारी को लखनऊ के निराला नगर स्थित चरन गेस्ट हाउस के एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया. कपड़ा कारोबारी को बंधक बनाकर रखने के दौरान मारपीट भी की गई. उसके पास से तकरीबन 20 हजार रुपये भी ले लिए. वहीं 50 हजार के कपड़े लूट लिए.कारोबारी ने जब उसे छोड़ देने की मिन्नते की तो अपराधियों ने उससे 1 लाख 20 हजार की फिरौती मांगी.लेकिन अपराधियों की कोशिश को नाकाम करते हुए कारोबारी ने किसी तरह खुद को उनकी चंगुल से आजाद करा लिया।
वही मामले में सदर डीएसपी ने बताया की प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने जांच की. इस दौरान चारों पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई. थाना हसनगंज पर तैनात दो पुलिसकर्मियों की भी संलिप्तता पाई गई.
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इसके चलते अपराध और अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए लखनऊ पुलिस द्वारा एसएचओ हसनगंज की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है और सभी दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है.