पटना- बिहार में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक लगातार सख्त फैसले ले रहे हैं। केके पाठक के आदेश पर शिक्षा विभाग द्वारा लगातार शिक्षकों की मॉनेटरिंग की जा रही है और स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ एक्शन हो रहा है। केके पाठक के आदेश पर शिक्षा विभाग ने शिक्षकों पर एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है।
इसी कड़ी में स्कूलों से ड्यूटी के दौरान गायब पाए गए दो हजार से अधिक शिक्षकों का वेतन काट लिया गया है। वहीं बीते चार महीने के भीतर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 22 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि 17 शिक्षकों की बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है।
केके पाठक के निर्देश पर विभाग ने जुलाई महीने से सभी स्कूलों का निरीक्षण करना शुरू किया था। शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे थे। निरीक्षण के दौरान 2,081 शिक्षक ड्यूटी से गायब मिले, जिनके वेतन में कटौती की गई है। इसके साथ ही साथ और 590 शिक्षकों के वेतन कटौती की अनुशंसा भेजी गयी है। 22 शिक्षकों को सस्पेंड करने के अलावा 49 अन्य के खिलाफ निलंबन की सिफारिश की गई है। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से राज्य के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
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उधर, शिक्षकों के खिलाफ इस एक्शन पर टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ ने नाराजगी जताई है। संघ के संयोजक राजू सिंह ने शिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई को तुरंत वापस लेने की मांग सरकार से की है। उन्होंवे कहा है कि पिछले कई वर्षों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे सभी संविदा शिक्षकों के लिए सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की भी मांग की जा रही है। अगर सरकार ने दीपावली तक इन दोनों मांगों को पूरा नहीं किया, तो शिक्षक संघ इसके खिलाफ ‘करो या मरो’ आंदोलन शुरू करेंगे।