पटना- सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता चल रही कैबिनेट की बैठक ख़त्म हो गई है. कैबिनेट की बैठक में 14 एजेंडे पर मुहर लगी है. इस बैठक में दो पदाधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया गया. इन अधिकारियों पर महिला के साथ गलत व्यवहार और भ्रष्टाचार करने का आरोप है. जांच में मामला सत्य पाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया. इन अधिकारी को सस्पेंड करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है.
कैबिनेट में जो प्रमुख फैसला लिया गया है, इसमें वित्तीय वर्ष 2023 24 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नावार्ड से ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के तहत प्राप्त ऋण से 100 प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय सह भवन निर्माण होगा. इसके लिए 1 अरब 7 करोड़ 69 लाख रुपये की स्वीकृति की गई. इसके अलावे बिहार अभियंत्रण विवि पटना के परिणाम व आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशाखा पदाधिकारी और कर्मियों के कुल 16 पदों का सृजन किया जाएगा.
राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय व राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान प्रयोगशाला सहायक संवर्गीय नियमावली 2023 की स्वीकृति मिली. बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली 2023 के अधिसूचित प्रारूप के संगत प्रावधानों के आलोक में गठित किए जाने वाले प्रमंडल स्तरीय मोटर वाहन दुर्घटना दावा किया गया. न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के 7 पद, अपर जिला परिवहन पर अधिकारी के 7 पद, उच्च वर्गीय लिपिक के 7, निम्न वरीय लिपिक के 7, आशु लिपिक के 7 पर्दों के सृजन की स्वीकृति मिली.
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पूर्वी चंपारण जिले के जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी महिला कर्मी से गंदी बात करते थे. आरोप प्रमाणित होने पर पहले उन्हें सस्पेंड किया गया. इसके बाद अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है. जमुई खैरा के प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी पहले नरकटियागंज के बीडीओ रहे राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे. खैरा में बीडीओ रहते आवास योजना में गंभीर आरोप प्रमाणित पाए गए. राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी पर लगे आवास योजना में भारी अनियमितता की जांच कराई गई. इसके बाद अब उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति का दंड दिया गया है.