पटना- पूर्व सीएम राबड़ी देवी के मुहबोले भाई और आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा है कि पारस के साथ जो हादसा हुआ वह नहीं होना चाहिए था। किसी के विश्वास पर किसी के साथ गद्दारी कर के उस पार्टी में गए और मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं, इस तरह की उनके साथ लोगों ने कार्रवाई की लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था, फिर भी उन लोगों ने भी इस चीज को देखा होगा कि वोट किसके साथ है। सभी लोग जानते हैं कि ये लोग फूंका हुआ कारतूस और फ्यूज बल्ब है।
सुनील सिंह ने कहा कि एनडीए में इनकी अहमियत उनको नजर नहीं आ रही होगा, इसलिए दूध की मक्खी की तरह उनको निकालकर फेंक दिया। सुनील सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव का निर्णय सर्वोपरि है, जो व्यक्ति किसी की पार्टी के साथ गद्दारी करके, अपने भतीजे के साथ गद्दारी करके अपने सांसदों को लेकर किसी के साथ गए तो उनको तो यह परिणाम भुगतना ही था, बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।
दरअसल, बिहार की सियासत में इस वक्त पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच का द्वंद सुर्खियों में है। सीट बंटवारे में अनदेखी के बाद नाराज पारस मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके हैं और अब दूसरा रास्ता तलाश रहे हैं। सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज है कि पारस का अगला ठिकाना महागठबंधन हो सकता है.
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