पटना- आप लोग अपनी दुर्दशा देखिए, शायद ही ऐसा कोई घर है जहां से आपका जवान बेटा, पति, भाई, भतीजा नौकरी करने के लिए दूसरे राज्यों में न गए हो? आपके बच्चे सालों साल से आपको छोड़कर दूसरे राज्य में रह रहे हैं.
मजदूरी करने के लिए जो लोग प्रदेश गए वे साल में एक बार दिवाली-छठ, ईद में घर आते हैं. इसके बाद फिर वे गुलामी करने के लिए चले जाते हैं. 10 घंटे मेहनत करने और पेट काटने के बाद 6-8 हजार रुपए जमा कर घर भेजने का काम करते हैं ताकि उनका परिवार चल सके. वोट देने को लेकर कहा कि यहां के लोग कहते हैं कि उनकी जाति का नेता था इसलिए वोट दे दिया. मुर्गा-भात और दारू पीकर वोट दीजिएगा तो आपको ही भोगना पड़ेगा.
ये बातें प्रशांत किशोर ने कही. प्रशांत किशोर जन सुराज यात्रा के तहत लोगों को संबोधित कर रहे थे. प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आप दल बनाइए क्योंकि बिहार में कोई विकल्प नहीं है. इस दौरान उन्होंने लोगों को ही कोसते हुए कहा कि आपलोग मेरा साथ कैसे दीजिएगा जो अपने बच्चों का साथ नहीं दिया. कहा कि नेताओं ने लोगों की नसों में जाति धर्म घुसा दिया है. इतना घुसा दिया है कि उन्हें अपने बच्चे नहीं दिखते हैं. उन्होंने लोगों से स्वार्थी बनने की अपील की. कहा कि इस बार संकल्प के साथ वोट दीजिए.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)