रांची- प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. इसपर 12 फरवरी को सुनवाई होगी. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ईडी ने गिरफ्तारी की क्या वजह बताई है. प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को कस्टडी में ले लिया था, तब वह मुख्यमंत्री थे.
कस्टडी में लिए जाने से पहले ही हेमंत सोरेन की और से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी की आशंका जताई गई थी. उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कोई भी पीड़क कार्रवाई ना हो. हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि उनके खिलाफ ईडी के अधिकारी वैसी शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो पीएमएलए में है ही नहीं. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से उनको टारगेट किया गया है. यही नहीं भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने उनके पिता और परिवार के खिलाफ लोकपाल में शिकायत की है. इसपर सीबीआई द्वारा पेश तीन रिपोर्ट में उन संपत्तियों का जिक्र किया गया है, जो उनके परिवार की है ही नहीं.
वहीं, 1 फरवरी को यह कहते हुए हाईकोर्ट से समय मांगा गया कि उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है और उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. लेकिन 2 फरवरी को शीर्ष अदालत ने हेमंत सोरेन को पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था. इसके बाद हस्तक्षेप याचिका दायर होने पर 5 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उसी दिन हाईकोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए 9 फरवरी तक का समय दिया था.
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फिलहाल, हेमंत सोरेन ईडी की रिमांड पर हैं. 31 जनवरी को हिरासत में लिए जाने के बाद 1 फरवरी को रिमांड के लिए उनको पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था. पहली बार ईडी को 2 फरवरी से 6 फरवरी तक यानी पांच दिन का रिमांड मिला था. लेकिन ईडी ने 6 फरवरी को पेश कर दोबारो पांच दिन के लिए रिमांड पर ले लिया है. अब उनकी पेशी 11 फरवरी को होगी.