रांची- झारखण्ड में ED की ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है. कई नौकरशाह, व्यवसायी, जमीन माफिया और पावर ब्रोकर सलाखों के पीछे हैं. इस बीच खबर आई कि ED पर नक्सली हमले की तैयारी की जा रही है और इसके लिए होटवार जेल में साजिश रची जा रही है. जिसके बाद ED ने होटवार जेल में छापेमारी की थी.
इन सबके बीच प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया X पर एक ऐसा पोस्ट डाला है, जिससे पूरा मामला गरमा गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि सीएमओ के इशारे पर पुलिस के कुछ आलाधिकारी रांची के सिटी एसपी पर दबाव डाल रहे हैं कि किसी भी तरह से कुछ दर्ज मामलों में ईडी के चुनिंदा अधिकारियों को आदिवासी उत्पीड़न मामलों में अभियुक्त बनाया जाए.
बाबूलाल मरांडी के मुताबिक पुलिस के आलाधिकारी इस बात को लेकर भी दबाव बना रहे हैं कि अगर पुलिस नाम डालने में असमर्थ है तो कम से कम केस में यह डाल दिया जाए कि ED के अधिकारियों ने आदिवासी का उत्पीड़न किया है. इन बातों का जिक्र करते हुए बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आगाह करते हुए लिखा है “हेमंत सोरेन जी… पता नहीं ये सब बर्बादी का रास्ता वाला खुलाफाती आईडिया आपको कौन सब देता है. गुजरे तीन सालों में आदिवासी उत्पीड़न का जितना दुरूपयोग आप करा चुके हैं, वही आपकी बर्बादी के लिये काफ़ी है. आगे और मुसीबत लेने का काम काहे कर रहे हैं ?
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बाबूलाल मरांडी के इस बयान पर झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पता नहीं बाबूलाल मरांडी को कहां से ऐसी सूचना मिलती है. उनके पास ऐसी सूचना का स्त्रोत क्या है. सिर्फ भ्रामक बातें कर रहे हैं. ऐसी गलत बयानबाजी के लिए झारखंड की जनता से माफी मांगे. ईडी ने तो अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया. एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री पर इस तरह का आरोप लगाना सरासर गलत है. ऐसी बेबुनियाद और हल्की बातों से बचना चाहिए.