डेस्क- वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया मचाडो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्होंने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है।
नोबेल समिति ने कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद जगाती है।
समिति ने कहा- लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है। जब सत्ता हिंसा और डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना जरूरी हो जाता है। मचाडो ने सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। वे देश में मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करती रही हैं।
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बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प बीते कई महीने से नोबेल की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन नोबेल कमेटी ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल नहीं मिलने पर अमेरिका ने पक्षपात का आरोप लगाया।
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी को कहा कि नोबेल कमेटी ने एक बार फिर साबित किया कि वे शांति से ज्यादा राजनीति को तरजीह देते हैं।
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