डेस्क- सुप्रीम कोर्ट में आज नए वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. कोर्ट में 73 याचिकाएं दायर हैं, जिनमें कहा जा रहा कि आज दस याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. कोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती दी गई है.
याचिकाओं में दावा किया गया है कि संशोधित कानून के तहत वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन असामान्य ढंग से किया जाएगा और यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन के रूप में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रहे हैं. बता दें हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन किया था, जिसे लागू किया जा चुका है. इसे लेकर कुछ जगहों पर विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं, और कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं भी सामने आई हैं.
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चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि ये सुनवाई का पहला दौर है. मूल याचिकाओं पर पहले एक साथ सुनवाई होगी. हम आज ही सभी याचिकाओं को नहीं सुन सकते. किसी भी दलील का दोहराव नहीं होना चाहिए. कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत की है. सिब्बल ने अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए कहा कि वक्फ कानून धार्मिक मामलों में दखल है.
सीजेआई संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंदुओं के लिए भी संसद ने कानून बनाया है। संसद ने मुसलमानों के लिए भी कानून बनाया है। अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है, जो सभी समुदायों पर लागू होता है।
कपिल सिब्बल ने वक्फ काउंसिल और बोर्ड के गैर मुस्लिमों को भी शामिल किए जाने पर एतराज जताते हुए कहा कि अब तक सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग इनका हिस्सा रहे हैं। दूसरे धर्म की दान से जुड़ी संपत्तियों के मामले में भी यही व्यवस्था रही है।
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ये नया कानून 200 मिलियन लोगों के साथ ज्यादती है। सीनियर एडवोकेट राजीव धवन ने कपिल सिब्बल की दलीलों पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि मैं सिब्बल की दलीलों को एडॉप्ट कर रहा हूं।
CJI ने वक्फ बाय यूजर के प्रावधान को हटाने पर सवाल उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि अंग्रेजी शासन काल से पहले वक्फ रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं थी। बहुत सारी मस्जिदें 13वीं, 14वीं और 15वीं शताब्दी की बनी हैं। आप चाहते हैं कि वो आपको सेल डीड दिखाएं, कहां से दिखाएंगे।
सरकार की और से यह भी कहा गया कि अभी उनकी बात पूरी नहीं हुई है, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट कल भी इस मामले की सुनवाई करेगा.