डेस्क- लोकसभा से आज 48 सांसदों को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही अबतक 141 सांसदों पर एक्शन लिया जा चुका है. इनमें 94 सांसद लोकसभा के और 46 सांसद राज्यसभा के हैं. 18 दिसंबर तक संसद के कुल 92 सांसद सस्पेंड थे.ये सभी संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे थे। इनपर लोकसभा में चेयर के अपमान करने का आरोप है.
आज ये बड़े नेता हुए सस्पेंड
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, शशि थरूर, बीएसपी (निष्कासित) दानिश अली, एनसीपी की सुप्रिया सुले, सपा सांसद एसटी हसन, टीएमसी सांसद माला रॉय, सपा नेता डिंपल यादव और आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू भी सस्पेंड हुए हैं.
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लोकसभा से सस्पेंड फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि पुलिस किसके अंडर में आती है. क्या हो जाता अगर केंद्रीय गृह मंत्री आकर 2 मिनट के लिए संसद की सुरक्षा पर बयान दे जाते.
वहीं सांसदों के निलंबन पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मोदी और सरकार को एक बात कहना है. इनके जहन में सवार हो गई है असुर की शक्ति. देव की शक्ति नहीं है इनमे. इनका अहंकार लोग देख रहे हैं. सत्ता में रहने का ये मतलब नहीं कि आप अहंकारी बन जाएं.
कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि इतने सांसदों के निलंबन से एक बात स्पष्ट हो गई है कि वो विपक्ष मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में कुछ ऐसी ही करेंगे. इसको देखते हुए हमें भारत के संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलि लिखना शुरू करना पड़ा. अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं भी आज प्रदर्शन में शामिल हुआ. उन्हें बचे हुए सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि वे बिना किसी चर्चा के लिए अपने बिल पास करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि ये संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है.
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