रांची- नेशनल राइफल शूटर रही तारा शाहदेव मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. रांची सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद और कोहली की मां कौशल रानी को दोषी करार दिया है. दोषियों की सजा की बिंदु पर अदालत 5 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. दोषी करार दिये जाने के बाद कोर्ट के आदेश से दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है. इससे पहले कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 23 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
यह मामला साल 2014 का है. यौन उत्पीड़न, जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए तारा शाहदेव ने हिंदपीढ़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 7 जुलाई 2014 को तारा सहदेव की शादी हिंदू रीति-रिवाज से रंजित कोहली उर्फ रकीबुल के साथ शादी हुई थी. शादी के बाद से इस्लाम धर्म के मुताबिक निकाह करने के लिए दबाव बनाए जाने लगा. इसका विरोध करने पर मारपीट करते हुए उन्हे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ना दी गई.
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यह भी आरोप था कि शादी के कुछ दिनों बाद तारा जब मुश्ताक अहमद के घर इफ्तार पार्टी में गयी तो उसने गलत नियत से उसके साथ छेड़छाड़ की. सीबीआई ने जो अहम गवाह कोर्ट में पेश किये हैं, उसमें तारा शाहदेव , दिवंगत पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी, काजी जान मोहम्मद, ब्लेयर अपार्टमेंट के निवासी, झारखंड पुलिस की तत्कालीन सब इंस्पेक्टर दीपिका कुमारी (जिन्होंने तारा को रेस्क्यू किया था), केस आईओ (जांच पदाधिकारी) हरीशचंद्र सिंह और सीबीआई की केस आईओ सीमा पहूजा शामिल हैं. सीबीआई की ओर से वरीय लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने इस मामले में पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि वे दोषियों को ज्यादा से ज्यादा सजा दिलाने का प्रयास करेंगे.
फैसले के दौरान कोर्ट में मौजूद पीड़िता तारा शाहदेव ने कहा कि मैंने इंसाफ मांगा था और कोर्ट में मुझे इंसाफ दिया. आज के दिन का लंबे समय से इंतजार था. बता दें कि सीबीआई की ओर से केस साबित करने के लिए कुल 26 गवाह पेश किये गये. उन गवाहों और सीबीआई द्वारा पेश किये गये सबूतों के आधार पर कोर्ट ने रकीबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली, मुश्ताक अहमद और कौशल रानी को दोषी करार दिया. वहीं बचाव पक्ष द्वारा पेश किये गये 4 गवाह कोर्ट में तीनों की बेगुनाही साबित नहीं कर पाये.
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