डेस्क- आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में कोर्ट के फैसले से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नाखुशी जाहिर की है. आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने पर असंतोष जताते हुए उन्होंने सोमवार को दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास होता तो निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती. ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद में मीडिया से बात कर रही थी.
सीएम ममता बनर्जी मामले में सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. ममता बनर्जी ने कहा कि केस सीबीआई ने कोलकाता पुलिस से जबरन अपने हाथों में लिया.
ममता बनर्जी ने कहा कि ‘हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई. राज्य पुलिस की ओर से जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई. मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं.’ उन्होंने कहा कि मुझे सजा के बारे में मीडिया से पता चला है. हमने हमेशा मौत की सजा की मांग की है और हम इस पर कायम हैं.
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हालांकि, यह अदालत का फैसला है और मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. तीन अन्य मामलों में, राज्य पुलिस ने मौत की सजा सुनिश्चित की है. गहन जांच के माध्यम से 54 से 60 दिनों के भीतर सजा दी गई. यह एक गंभीर मामला था. अगर यह हमारे दायरे में होता, तो हम बहुत पहले ही मौत की सजा सुनिश्चित कर देते.
सियालदह की अदालत ने दोषी संजय रॉय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने यह फैसला सुनाया.
दोषी संजय रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी करार दिया था. इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे.
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