पटना- प्रशांत किशोर दो अक्टूबर 2024 को अपनी पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. प्रशांत किशोर ने यह बात रविवार को पटना के बापू सभागार में जन सुराज की राज्यस्तरीय कार्यशाला में कही.
उन्होंने ऐलान किया है कि वे न तो कभी जन सुराज के नेता थे और न ही भविष्य में होंगे. वे गांवों से सही लोगों का चयन कर रहे हैं और सभी कार्यकर्ताओं की सहमति से उन्हीं में से बिहार का नेता चुना जाएगा.
मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा कि एक बात लिख लीजिए अपने जीवन काल में एक ऐसा बिहार भी हम लोग देखेंगे जिसमें हरियाणा, पंजाब, गुजरात महाराष्ट्र के लोग रोजी-रोजगार करने बिहार आएंगे.
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उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों से कहा कि आप प्रशांत किशोर या जनसुराज से नहीं जुड़े हैं, आप पदयात्रा से नहीं जुड़े हैं, आप उन लोगों के साथ जुड़े हैं जो वर्षों से बिहार में एक नया विकल्प बनाने के लिए लड़खड़ा रहा है. विकल्प के अभाव में समझते हुए भी गलत लोगों का चुनाव कर रहा है.
वहीँ, कार्यशाला में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जन सुराज के अध्यक्ष की कार्यावधि एक वर्ष की होगी. बारी-बारी से सभी वर्गों को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा जायेगा. इसमें दलित, मुस्लिम, अति पिछड़ा, पिछड़ा और सवर्ण जातियां शामिल हैं. पहला प्रदेश अध्यक्ष दलित समाज से होगा.
इस अवसर पर 131 सदस्यीय संविधान समिति की भी घोषणा की गई. यह समिति जन सुराज पार्टी के संविधान निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी. प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि दो अक्टूबर को एक करोड़ संस्थापक सदस्यों में से डेढ़ लाख संगठन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में जन सुराज राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित होगा. इसका नाम जन सुराज पार्टी होगा.
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कार्यशाला में सात सदस्यीय चुनाव समिति की घोषणा की गई. इसमें पूर्व वैज्ञानिक ईआरएन सिंह, पूर्व शिक्षक डॉ भूपेंद्र यादव, अधिवक्ता गणेश राम, डाॅ मंजर नसीम, पूर्व आइएएस अरविंद सिंह, पूर्व आईएएस सुरेश कुमार शर्मा और स्वर्णलता सहनी शामिल हैं.