डेस्क- ओड़िशा के एक सरकारी अस्पताल से एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी पिछले सात महीनों से डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज कर रहा था. जैसे ही यह मामला सामने आया लोगों के साथ ही अधिकारियों के भी होश उड़ गए. पुलिस ने फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है.
पूरा मामला राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) का है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान पद्मनाभन मुखी करुआ के रूप में हुई है. आरोपी झारखण्ड के सिंहभूम जिले का बताया जा रहा है.
जानकारी अनुसार, पद्मनावन झारखंड के डॉक्टर रमेश चंद्र झा का फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर आरजीएच के डायलिसिस विभाग में एक आउटसोर्सिंग फर्म (राही केयर प्राइवेट लिमिटेड) के माध्यम से एक या दो महीने नहीं बल्कि 7 महीने से अधिक समय से काम कर रहा था. हैरत की बात तो यह है कि आरोपी ने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई कर रखी है.
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आरोपी की आरजीएच में नियुक्ति डॉक्टर रमेश चंद्र झा के मूल प्रमाण पत्र का फोटो अपलोड करने के बाद हुई. आरजीएच के विभागीय अधिकारी ने पद्मनावन को ओडिशा मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराने के लिए भी कहा.
जिसके बाद पद्मनाभन ने ओडिशा काउंसिल ऑफ मेडिकल सेंटर्स के साथ भी पंजीकरण कराया. फिर उस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को आरजीएच के डिविजनल ऑफिसर के पास जमा करा दिया. विभागीय अधिकारी को यह पता नहीं चल सका कि फर्जीवाड़ा इतनी चतुराई से किया गया है.
बताया जा रहा है कि आरोपी के लिए एक निजी कंपनी से लोन लेना महंगा पड़ गया. मुखी ने एक निजी कंपनी से ऋण के लिए जब आवेदन किया, तब जाकर पूरा मामला सामने आया. जिसके बाद रघुनाथपाली पुलिस ने उसे हिरासत में लिया. जांच के तहत मुखी से पूछताछ की जा रही है.
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