रांची- ईडी की छापेमारी के बाद रांची एसएसपी चंदन सिन्हा ने तुपुदाना ओपी प्रभारी मीरा सिंह को हटाते हुए लाइन हाजिर कर दिया है. इससे संबंधित आदेश रांची एसएसपी के द्वारा जारी कर दिया गया है. गुरुवार को सब इंस्पेक्टर मीरा सिंह के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के द्वारा छापेमारी की गई थी.
गौरतलब है कि ईडी की टीम ने गुरुवार को मीरा सिंह और कांग्रेस नेता मोहित शाहदेव के ठिकाने पर छापेमारी की थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान ईडी ने आठ मोबाइल से तकरीबन 100 जीबी डाटा रिट्रीव कराया था. मोबाइल के व्हाट्सएप चैट की जांच के दौरान पाया गया कि मीरा सिंह ने कांग्रेस नेता मोहित शाहदेव समेत कई अन्य लोगों से बालू की तस्करी को लेकर चैट किया है.
कई ट्रकों के नंबर भी मोबाइल फोन से मिले हैं, जिन्हें पासिंग देने यानि पुलिस के द्वारा बिना पकड़े पास करने की बात मैसेज में लिखी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मीरा सिंह के चैट में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन सरकार में सत्ता शीर्ष के करीबी रहे एक व्यक्ति से चैट भी मिले हैं. चैट में एक आईपीएस की पोस्टिंग कराने का भी जिक्र है, बाद में उस आईपीएस की पोस्टिंग भी संबंधित जिले में कर दी गई थी.
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सब इंस्पेक्टर मीरा सिंह के रसूख के भी काफी चर्चे हैं. 25 फरवरी 2021 को खूंटी महिला थानेदार के पद पर मीरा सिंह तैनात थी, इस दौरान एक केस में आरोपी से 15 हजार घूस लेते मीरा को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद सात माह वह जेल में रहीं. जेल से छूटने के बाद मीरा सिंह का तबादला दूसरी बार रांची किया गया. जिसके बाद मीरा को तुपुदाना ओपी का प्रभारी बना दिया गया.
रांची में पोस्टिंग के बाद तुपुदाना ओपी में वह दो सालों से पदस्थापित हैं. तुपुदाना में पदस्थापना के दौरान भी विकास सिन्हा नाम के युवक से मारपीट के केस में मीरा सिंह के खिलाफ कार्रवाई का आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिया था. इस मामले में डीजीपी अजय कुमार सिंह ने मीरा का तबादला पीटीसी पदमा किया गया, लेकिन मीरा ने अपनी रसूख का इस्तेमाल कर तबादला रुकवा दिया. इसके पीछे भी सत्ता में प्रभावी रहे एक शख्स की भूमिका सामने आयी है.