सीवान- जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान अग्निवीर जवान प्रदीप कुमार की संदिग्ध अवस्था में शहीद हो गए थे. बिहार के सिवान में आज शहीद अग्निवीर प्रदीप कुमार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. परिवार दो दिन से शहीद प्रदीप कुमार यादव के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहा था. आज जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा चीख पुकार मच गई. हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
पार्थिव शरीर दरवाजे पर पहुंचते ही पिता शंभू यादव, मां देवांति देवी सहित पूरे परिवार की चीत्कार से आसपास का महौल गमगीन हो गया. पार्थिव शरीर को देख ग्रामीणों की भी आंखें नम हो गई थी. चारों तरफ भारत माता की जय, प्रदीप यादव जिंदाबाद, प्रदीप यादव अमर रहे के साथ डीजे पर भक्ति गाना गूंजता रहा. प्रशासन के साथ कई क्षेत्रीय नेता भी मौजूद थे. दरवाजे पर पहुंची सेना की टुकड़ी ने प्रदीप यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी दी. इसके बाद दरौली के सरयू नदी घाट के किनारे अंतिम संस्कार किया गया.
प्रदीप यादव जिले के दरौली थाना क्षेत्र के दोन गांव निवासी शम्भू प्रसाद के पुत्र थे. उनके पिता एक किसान हैं और उनलोगों का बेहद साधारण रहन सहन है. प्रदीप यादव की जम्मू कश्मीर के अखनूर के टांडा इलाके में 24 फील्ड रेजिमेंट के सेंट्री पोस्ट पर तैनात थे और जब वह अपनी ड्यूटी पर मौजूद थे. तभी अचानक गोली चलने की आवाज आई. बटालियन के साथी गोली की आवाज की ओर दौड़कर पहुंचे देखा तो प्रदीप कुमार यादव जमीन पर गिरे हुए थे. उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
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