डेस्क- भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोजा न रखने के विवाद पर कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने उनका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम वैज्ञानिक धर्म है। इसमें सफर और शारीरिक मेहनत के दौरान रोजा न रखने की छूट दी गई है।
शमा ने कहा- मोहम्मद शमी सफर कर रहे थे और एक खेल में हिस्सा ले रहे थे, जहां उन्हें शारीरिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में रोजा न रखना कोई गुनाह नहीं है। इस्लाम में इंसान के हालात को ध्यान में रखा जाता है। शमा वही नेता हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले रोहित की फिटनेस पर सवाल उठाए थे।
इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी शमी के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने कहा- कुरान में साफ लिखा है कि अगर कोई बीमार है और सफर पर है, तो वह रोजा छोड़ सकता है। किसी को भी शमी के फैसले पर सवाल उठाने का हक नहीं है।
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बता दें कि भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस वक्त चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए दुबई में हैं। 4 मार्च को वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच खेल रहे थे। बॉलिंग के बाद वह थक गए तो बाउंड्री लाइन पर एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आए। जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया।
बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा- इस्लाम में रोजा रखना फर्ज है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर रोजा नहीं रखता, तो वह इस्लामिक कानून के अनुसार गुनहगार माना जाता है। क्रिकेट खेलना बुरा नहीं है, लेकिन धार्मिक जिम्मेदारियों को भी निभाना चाहिए। मैं हिदायत देता हूं कि शमी अपने धर्म के प्रति जिम्मेदार बनें।
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