पटना- लालू यादव के साले सुभाष यादव ने लालू यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि जब लालू बिहार के सीएम थे तो उनके आवास में ही अपहरण की डील होती थी. सुभाष यादव आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के साले और राबड़ी देवी के भाई हैं.
सुभाष यादव के इस खुलासे के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया है. भाजपा ने अब सुभाष यादव के इस खुलासे को एक मुद्दा बना दिया है.बीजेपी नेता और पूर्व बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि यह गंभीर मामला है. लालू प्रसाद को लेकर सुभाष यादव जो कुछ भी कह रहे हैं उसकी जांच होनी चाहिए.
अनिल शर्मा ने कहा कि सुभाष यादव आरजेडी प्रमुख के साले हैं, लालू राबड़ी शासन काल में सत्ता के काफी करीब थे. इसलिए सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. उनके बयान की जांच होनी चाहिए. उन्होंने सरकार से मांग किया है कि वर्ष 1990 से 2005 के बीच बिहार में हुए अपहरण और फिरौती की घटनाओं की जाँच उच्च न्यायालय के देखरेख में उच्च स्तरीय न्यायिक आयोग से करानी चाहिए.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)
वहीं सुभाष यादव के इन आरोपों को उनके भाई साधु ने खारिज किया है. उन्होंने कहा कि सुभाष की आंखें 35 साल बाद क्यों खुली हैं? 35 सालों तक वो क्यों चुप थे? साधु यादव ने अपने भाई पर पलटवार करते हुए कहा कि सुभाष यादव के ही घर में गुंडों और अपराधियों का जमावड़ा रहता है.
मैंने लालू जी से कहा था कि इसे अहमियत नहीं दीजिए.बहरहाल, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सगे भाइयों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ गई है.लालू यादव लगाए गए इन गंभीर आरोपों के बाद तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)