पटना- बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से खान सर को लीगल नोटिस भेजा गया है. बीपीएससी अभ्यार्थियों के आंदोलन के समर्थन में पहुंचे खान सर पर आयोग के प्रति उकसाने वाले शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप है. आयोग की ओर से 15 दिनों के अंदर सार्वजनिक तौर पर बीपीएससी और बीपीएससी के अधिकारियों से अनकंडीशनल माफी मांगने को कहा गया है.
नोटिस में कहा गया कि माफी नहीं मांगने पर कोर्ट में सिविल और क्रिमिनल लिटिगेशन का सामना करना पड़ेगा. खान सर को भेजे गए लीगल नोटिस में उनके कई मीडिया में दिए गए सार्वजनिक बयानों का हवाला दिया गया है. कई आपत्तिजनक, अमर्यादित और अभद्र शब्द है. लीगल नोटिस में कहा गया है कि एक ओहदे वाले आपके जैसे शिक्षक के मुंह से गाली-गलौज वाले अमर्यादित भाषा स्वीकार नहीं है.
आयोग ने खान सर के ऊपर बिना मतलब का नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे को उछाल कर अभ्यर्थियों को उकसाने का आरोप लगाया है. लीगल नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि आयोग के सचिव ने क्लियर कहा था कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. इसके बावजूद इस मुद्दे पर 5 और 6 दिसंबर को आयोग के गेट पर अभ्यर्थियों को प्रदर्शन के लिए उकसाया गया.
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लीगल नोटिस में खान सर को कहा गया है कि बीपीएससी एक ऑटोनॉमस बॉडी है. उस पर आपने कई तथ्यहीन आरोप लगाए हैं. आरोपों से आयोग के अधिकारियों के प्रतिष्ठा का हनन हुआ है. आयोग के उच्च पदाधिकारी मानसिक तनाव और अवसाद से गुजर रहे हैं.
आयोग ने कहा कि खान सर ने सस्ती पब्लिसिटी हासिल करने के लिए आयोग के अध्यक्ष और आयोग पर अमर्यादित टिप्पणी की. इसके अलावा अपनी इगो को शांत करने के लिए अभ्यर्थियों को उग्र प्रदर्शन के लिए अपने उकसाया है और उनके भविष्य को बर्बाद करने की कोशिश की है.
बता दें कि 6 दिसंबर को नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बीपीएससी अभ्यर्थियों का समर्थन किया था. इस दौरान खान सर ने बीपीएससी के खिलाफ नारेबाजी की थी. चर्चा थी कि खान सर को गिरफ्तार भी किया गया लेकिन पुलिस ने इससे इंकार कर दिया था. प्रदर्शन के दौरान खान सर ने आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
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