पटना- पिछले कई सालों से खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान ने अब BJP सरकार के फैसले का खुला विरोध किया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा-मैं जाति या धर्म के आधार पर विभाजन वाले किसी फैसले का समर्थन नहीं कर सकता.
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने योगी सरकार के फैसले को गलत ठहराया है. चिराग पासवान ने कहा कि मैं 21वीं सदी का शिक्षित युवा हूं और मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है. मैं अपने राज्य के पिछड़ेपन के लिए इसी कारण को जिम्मेदार मानता हूं.
जहां कहीं भी जाति और धर्म के आधार पर विभाजन है, मैं न तो उसका समर्थन करूंगा और न ही उसे बढ़ावा दूंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र के किसी अन्य शिक्षित युवा के लिए ऐसी चीजें मायने रखती हैं, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म से संबंधित हो.
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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सबसे पहले पुलिस प्रशासन ने निर्देश दिया था कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों के नामों का बोर्ड लगवाना होगा. इसके बाद शामली और सहारनपुर जिले में भी ठीक ऐसा ही निर्देश दिया गया. पुलिस प्रशासन के आदेश के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि प्रदेशभर में कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों के मालिक का नाम पहचान लिखना होगा.
यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. यूपी सरकार ने इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही है. यूपी की बीजेपी सरकार के इस फैसले का उसकी सहयोगी पार्टियां ही विरोध करने लगी हैं. पहले जेडीयू ने इसका विरोध किया और अब चिराग पासवान भी मैदान में उतर आये हैं.
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