दिल्ली- दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया है. हालांकि ईडी ने केजरीवाल की रिमांड 10 दिन के लिए मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड पर भेजा है. वह 28 मार्च को दोपहर 2 बजे कोर्ट में पेश होंगे. उधर देशभर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं.
कोर्ट के फैसले के पहले दोनों पक्षों ने कोर्ट में दलीलें दीं. केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध किया. साथ ही ये सवाल भी उठाया कि जब ईडी के पास सब कुछ है तो गिरफ्तारी क्यों की गई है.
ईडी ने रिमांड कॉपी में कहा कि शराब नीति के निर्माण, कार्यान्वयन और अनियमितताओं से अपराध की आय के उपयोग में अरविंद केजरीवाल की भूमिका है. ईडी ने कहा कि सीएम केजरीवाल दिल्ली सरकार के मंत्रियों, AAP नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं.
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जांच एजेंसी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए शराब नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश में शामिल थे और उक्त नीति में लाभ देने के बदले में उन्होंने शराब व्यवसायियों से रिश्वत ली थी. रिमांड नोट में ED ने लिखा है कि शराब नीति बनाने में केजरीवाल की अहम भूमिका है. इसके बदले में जो पैसा आया, उस पैसे को गोवा चुनाव में लगाया गया था.
ईडी ने कहा कि विजय नायर और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साउथ लॉबी से पैसा लिया गया. ED ने अपनी रिमांड अर्जी में कहा कि शराब नीति साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए विजय नायर, मनीष सिसोदिया, साउथ ग्रुप के सदस्यों और अन्य लोगों की मिलीभगत से बनाई गई थी.
इधर, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ INDIA ब्लॉक ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. ज्ञापन में कहा गया है, ‘प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. केवल कुछ हफ्तों के अंतराल में, केंद्र सरकार ने राज्यों के दो लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया है, जो संयोग से सत्तारूढ़ के मुखर विरोध में हैं.’
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