डेस्क- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को योग गुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को उसके प्रोडक्ट्स के बारे में अदालत में दिए गए वादे और उनकी औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाले बयानों के उल्लंघन के लिए कड़ी फटकार लगाई है. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.
SC पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके अधिकारियों को मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक, दोनों में किसी भी दवा प्रणाली के प्रतिकूल कोई भी बयान देने से आगाह किया, जैसा कि उन्होंने पहले अदालत के समक्ष अपने वचन में कहा था.
बता दें किसुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ रामदेव द्वारा बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है
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पिछले साल 21 नवंबर को, पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि अब से कानून का कोई उल्लंघन नहीं होगा, विशेष रूप से उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित, और पतंजलि उत्पादों की औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाले या किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई आकस्मिक बयान या दवा किसी भी रूप में मीडिया को जारी नहीं की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने तब रामदेव द्वारा सह-स्थापित और हर्बल उत्पादों में कारोबार करने वाली कंपनी को कई बीमारियों के इलाज के लिए अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में “झूठे” और “भ्रामक” दावे करने के खिलाफ चेतावनी दी थी.
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