रांची- राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 56 कैदी रिहा किए जाएंगे मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 30 वीं बैठक में 109 कैदियों की रिहाई के बिंदु पर समीक्षा के बाद यह सहमति बनी. समीक्षा के क्रम में अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और जिला प्रोबेशन पदाधिकारियों के मंतव्य पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया.
रिहा होने वाले कैदियों के पुनर्वास की व्यवस्था हो मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जो कैदी जेल से रिहा किए जाते हैं, उनकी लगातार ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग होनी चाहिए. इसके अलावा उनके पुनर्वास की दिशा में भी पहल की जाए. ताकि वे मुख्य धारा में बनें रहें. रिहा होने वाले बुजुर्ग कैदियों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर देखा गया है की जेल से जो बुजुर्ग कैदी रिहा रहा किए जाते हैं. उन्हें उनका परिवार अपनाने के लिए आगे नहीं आता है. ऐसे में इनको सरकार के यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए, ताकि उन्हें इस तरह के हालात में उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़े. उन्होंने यह भी कहा कि रिहा होने वाले कैदियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए. ताकि उन्हें जीविकोपार्जन की दिशा में सहूलियत मिल सके.
इस बैठक में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, विधि विभाग के प्रधान सचिव- सह- विधि विधि परामर्शी नलिन कुमार, पुलिस महानिरीक्षक मनोज कौशिक, जेल महानिरीक्षक उमाशंकर सिंह, न्यायिक आयुक्त रांची अरुण कुमार राय, जेल एआईजी हामिद अख्तर और प्रोबेशनर ऑफिसर चंद्रमौली सिंह उपस्थित रहे.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)