डेस्क- उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सप्ताह पहले सिलक्यारा सुरंग धंस गई थी. इस सुरंग में 7 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इनके रेस्क्यू के लिए पिछले 7 दिन से युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है. तमाम प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिलने के बाद अब भगवान का सहारा लिया जा रहा है.
रेस्क्यू के 7वें दिन सुरंग के बाहर एक मंदिर स्थापित किया जा रहा है. एक तरफ मशीनों को अंदर ले जाया जा रहा है तो दूसरी तरफ सुरंग के मुहाने पर मंदिर की स्थापना हो रही है. पूजा-अर्चना की जा रही है. दरअसल, इस हादसे के बाद ग्रामीणों का मानना है कि सुरंग ढहने के पीछे स्थानीय देवता बाबा बौखनाग का प्रकोप है. ग्रामीणों ने कहा कि बाबा बौखनाग के क्रोध के कारण सुरंग धसक गई, क्योंकि उनका मंदिर निर्माण कार्य के चलते ध्वस्त कर दिया गया था.
स्थानीय लोगों ने कहा कि चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का काम चल रहा था. इसी में सुरंग बनाई गई थी, जिसका एक हिस्सा ढह गया था. निर्माण कंपनी ने मंदिर को तोड़ दिया था, इसी के कुछ दिनों बाद सुरंग ढहने से 41 मजदूर फंस गए.
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बता दें कि बचाव अभियान में इस्तेमाल लाई जा रही अमेरिकी ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई थी. इसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को भी शुक्रवार को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था. बताया गया कि मशीन आगे नहीं बढ़ पा रही है. मशीन का बेयरिंग खराब हो रहा है. ऐसे में अब एंकर लगाकर मशीन को प्लेटफॉर्म पर लगाया जा रहा है.
बता दें कि मजदूरों को निकालने के लिए रेक्स्यू लगातार चल रहा है, जिसमें NDRF, एसडीआरएफ समेत कई नागरिक सुरक्षा बलों के जवान जुटे हुए हैं. अब विज्ञान के साथ भगवान का भी सहारा लिया जा रहा है.