पटना- बिहार में लागातार पुल गिरने के बाद नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी लागू की गयी है. इसी के साथ बिहार भारत का पहला राज्य है बन गया जहां, ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी लागू कर दी गई है. इस पॉलिसी के बारे में विस्तार रूप से जानकारी पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने दी.
इस नीति के तहत काम करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को भी लगाया जा रहा है. आईआईटी दिल्ली और आईआईटी पटना को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. बिहार के तमाम बड़े पुलों के बारे आईआईटी सरकार को रिपोर्ट देगी.
इस नई पॉलिसी के बारे में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने विस्तार रूप से जानकारी दी. “बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं संधारण नीति-2025” के तहत अब हर पुल पर नजर रखी जाएगी. मंत्री नितिन नवीन की ओर से बताया गया कि, बिहार में सड़क से लेकर पुल के निर्माण तक बहुत काम हुए है. जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिली है. वहीं, अब राज्य के किसी भी कोने से सिर्फ 5 घंटे में ही पटना पहुंचा जा सकेगा.
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नई पॉलिसी के तहत पुलों की विजुअल और नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्ट, सेंसर और ड्रोन की मदद से वाकिया जाएगा. इसके बाद ब्रिज हेल्थ इंडेक्स और मेनटेंनेंस प्रायरिटी इंडेक्स तैयार किए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, पुलों के रख रखाव की योजना को 7 बागों में बांटा गया है.
इनमे, प्रारंभिक सुधार, सामयिक संधारण, असाधारण मरम्मति, लघु सुधार, नियमित संधारण, अप्रत्याशित मरम्मति और नियमित संधारण शामिल है. बता दें कि, अब बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से 60 मीटर से अधिक लंबाई वाले पुलों का संधारण किया जाएगा तो वहीं छोटे पुलों का संधारण संबंधित पथ प्रमंडल की ओर से किया जाएगा.