डेस्क- संसद के मानसून सत्र का सोमवार को छठा दिन है। आज राहुल गांधी दोपहर 2 बजे लोकसभा पहुंचे। उन्होंने करीब 40 मिनट तक भाषण दिया। राहुल ने भाषण की शुरुआत चक्रव्यूह की कहानी के साथ की। इस पर ओम बिरला ने उन्हें टोका। इस पर हंगामा भी हुआ।
अभिमन्यू को चक्रव्यूह में फंसाकर मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जो अभिमन्यू के साथ किया गया था, वही हिंदुस्तान के लोगों के साथ किया जा रहा है.
चक्रव्यूह का एक और रूप होता है पद्मव्यूह जो लोटसव्यू में होता है जिसे मोदीजी अपने सीने पर लगाकर चलते हैं. इस व्यूह को मोदीजी, अमित शाहजी, मोहन भागवत जी, अजित डोभाल जी, अंबानीजी, अडानी जी कंट्रोल कर रहे हैं. 21वीं सदी में नया चक्रव्यूह रचा गया.
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इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. स्पीकर ओम बिरला ने इस पर राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि आपके सदस्यों ने भी कई बार कहा है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं जाना चाहिए. इस पर राहुल ने कहा कि आप कहते हैं तो एनएसए, अंबानी और अडानीजी का नाम निकाल देता हूं सर.
हंगामे के बाद राहुल ने बजट पर अपनी बात रखी। राहुल ने अग्निवीर, पेपर लीक, किसान और मिडिल क्लास पर बात की। राहुल ने कहा- मोदी सरकार ने मिडिल क्लास की पीठ पर छुरा घोंपा है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड के समय में आपने छोटे बिजनेस को खत्म किया, इसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ गई. अब वित्त मंत्री बैठी हैं, अब युवाओं के लिए आपने क्या किया. आपने इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात की. ये शायद एक मजाक है. आपने कहा कि ये हिंदुस्तान की 500 कंपनियों में है. पहले आपने पैर तोड़ दिए और अब बैंडेज लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि आज युवाओं के लिए एग्जाम पेपर लीक मुख्य मुद्दा है. जहां भी जाते हैं, वहां कहते हैं बेरोजगारी है. एक तरफ पेपर लीक चक्रव्यूह और दूसरी तरफ बेरोजगारी चक्रव्यूह. दस साल में 70 बार पेपर लीक हुए हैं.
पहली बार आपने सेना के जवानों को अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसाया. इस बजट में अग्निवीरों के पेंशन के लिए एक रुपया नहीं है. आप किसानों को एमएसपी का अधिकार नहीं दे रहे हैं. आज भी रास्ता जाम है. किसानों को मुझसे मिलने के लिए अंदर नहीं आने दिया गया.
राहुल ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो सदन में दिखाते हुए कहा- ये बजट का हलवा इस फोटो में बंट रहा है। इसमें कोई पिछड़ा दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलवा बंट रहा है इसमें केवल वही लोग नहीं हैं।
20 अफसर ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?