पटना- सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई-कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए जमाबंदी होनी जरूरी है. अब बिहार में बगैर जमाबंदी के भी जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है. दरअसल, जब से हाइकोर्ट का नया आदेश जारी हुआ था तभी से संपत्तियों की रजिस्ट्री में लगातार कमी देखी जा रही थी. इसके खिलाफ कातिबाें के अलावा आम पब्लिक की तरफ से भी एक साथ कई अपील याचिका सुप्रीम कोर्ट में फाइल की गयी थी.
बिहार में जमीन की रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसला के बाद राज्य सरकार ने भी तत्काल खत्म कर दिया है. शुक्रवार की शाम मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की तरफ से इसका पत्र जारी कर दिया गया है. पत्र विभाग के सहायक निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने जारी किया है.
जारी पत्र में सभी जिलाधिकारी, जिला अवर निबंधक व अवर निबंधक को निर्देशित किया गया है सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पटना हाइकोर्ट के फैसला के खिलाफ सुनवाई करते हुए 13 मई को जो आदेश पारित किया गया है. इसका शत प्रतिशत पालन करते हुए जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री करना है.
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बता दें कि पटना हाइकोर्ट ने 06 फरवरी को सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि जिनके नाम जमाबंदी रहेगी. वह व्यक्ति ही जमीन की रजिस्ट्री कर सकते हैं. ऐसे में दादा व पिता के नाम की जमाबंदी वाले जमीन की बिक्री बेटे व पोते नहीं कर सकते थे. इसको लेकर कई लोग सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर कर दिया, जिसकी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाते हुए अंतिम सुनवाई के लिए 24 सितंबर, 2024 की तिथि तय की है.
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