डेस्क- बिलकिस बानो केस में दोषियों को सरेंडर से राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. कोर्ट ने 11 में 10 दोषियों की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें अलग-अलग कारण बताते हुए सरेंडर से फिलहाल राहत देने की मांग की गई थी. सुनवाई के दौरान जस्टिस नागरथाना ने कहा कि याचिका को रिकॉर्ड में ले लिया गया है. इस दौरान बेंच ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है. इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है. सभी दोषियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करना होगा.
बता दें कि बिलकिस बानो मामले के 11 में से 10 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. पीड़िता के साथ रेप और उनके परिजनों की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा में राहत पाने वाले 10 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
जाने, किस आधार पर मांगा था राहत-
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1. गोविंदभाई नाई ने कोर्ट में कहा था कि उनके पिता की उम्र 88 साल और मां की उम्र 75 साल है. वह उनकी देखभाल करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं.
2. रमेश रूपाभाई चंदना ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे की शादी की व्यवस्था करनी है.
3. मितेश चिमनलाल भट्ट ने कहा था कि उनकी सर्दी के मौसम की फसल कटाई के लिए तैयार है, और वह आत्मसमर्पण करने से पहले इस काम को पूरा करना चाहते हैं.
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4. प्रदीप रमणलाल मोढिया ने कहा था कि अभी उनके फेफड़े की सर्जरी हुई है और और उन्हें ठीक होने के लिए समय चाहिए.
5. बिपिनचंद कनियालाल जोशी ने कहा था कि हाल ही में पैर की सर्जरी के कारण वह आंशिक रूप से विकलांग हैं.
6. जसवंतभाई चतुरभाई नाई ने कहा था कि उन्हें सर्दी के मौसम में फसल की कटाई पूरी करनी है.
7. राधेश्याम भगवानदास शाह ने कहा था कि उन्हें बूढ़े माता-पिता की देखभाल करनी है. उनका एक बेटा कॉलेज में है. इसलिए उन्हें आत्मसमर्पण करने से पहले अपने परिवार के लिए आर्थिक व्यवस्था करनी होगी.
8. केशरभाई खीमाभाई वोहनिया ने ने बुढ़ापे का हवाला देते हुए कहा था कि उनके बेटे की शादी तय हो चुकी है.
9. शैलेशभाई चिमनलाल भट्ट ने बुढ़ापे, परिवार में शादी और सर्दियों की फसलों की .की कटाई का हवाला दिया था.
10. राहुभाई बाबूलाल सोनी ने मां की बढ़ती उम्र और रीढ़ की हड्डी की सर्जरी करा रही पत्नी की स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला दिया था.
11. दोषी बकाभाई खीमाभाई ने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क नहीं किया था.