दिल्ली- मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए मैतेई समुदाय से जुड़े कुछ कट्टरपंथी संगठनों पर बैन लगा दिया है। जिनपर बैन लगाया गया है उनमे पॉलिटकल विंग रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के अलावा पीएलए की आर्मी विंग मणिपुर पीपुल्स आर्मी, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक, रेड आर्मी और कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी शामिल हैं. इन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। कहा गया है कि उनकी गतिविधियां गैर कानूनी है, शांति के खिलाफ हैं और नुकसान पहुंचाने वाली हैं।
मणिपुर बीते 3 मई को उस समय हिंसा की आग भड़क गई थी जब कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। इस हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है वहीं सैकड़ों लोग घाय हुए हैं। हिंसा के कारण अबतक हजारों लोग पलायन कर चुके हैं।
क्यों जल रहा है मणिपुर?
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)
दरअसल, मणिपुर में तीन समुदाय सक्रिय हैं- इसमें दो पहाड़ों पर बसे हैं तो एक घाटी में रहता है। मैतेई हिंदू समुदाय है और 53 फीसदी के करीब है जो घाटी में रहता है। वहीं दो और समुदाय हैं- नागा और कुकी, ये दोनों ही आदिवासी समाज से आते हैं और पहाड़ों में बसे हुए हैं। अब मणिपुर का एक कानून है, जो कहता है कि मैतेई समुदाय सिर्फ घाटी में रह सकते हैं और उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में जमीन खरीदने का कोई अधिकार नहीं होगा। ये समुदाय चाहता जरूर है कि इसे अनुसूचित जाति का दर्जा मिले, लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है।
हाल ही में हाई कोर्ट ने एक टिप्पणी में कहा था कि राज्य सरकार को मैतेई समुदाय की इस मांग पर विचार करना चाहिए। उसके बाद से राज्य की सियासत में तनाव है और विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)