पटना- बिहार के एम्स में मरीजों के परिजनों के साथ पिटाई मामले में अब एनएचआरसी ने न्यूज पेपर में छपी खबरों, फोटो और वायरल वीडियो का हवाला देकर इस मामले में संज्ञान लिया है। इसके अलावा एम्स प्रबंधन ने भी कर्मियों पर लगे इस आरोप की जांच तक उन्हें सस्पेंड कर दिया है.
दरअसल पटना एम्स में पिछले दो दिनों बुधवार और गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों द्वारा दो मरीजों के परिजनों की लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई की गई थी. इस पिटाई से एक मरीज के परिजन बेहोश हो गए थे, वहीं दूसरे परिजन का सिर फट गया था. इन दोनों घटना के बाद पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें देखा गया कि कई सुरक्षाकर्मियों एक मरीज के परिजन को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे हैं.
पहली घटना बुधवार रात की है. जहां इमरजेंसी वार्ड में आए सारण के दिघवाड़ा निवासी कैंसर पीड़ित दीपक कुमार के भाई को आधा दर्जन गार्डों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था. इस दौरान वहां मौजूद लोग ‘सर मत मारो.. मत मारो’ गुहार लगाते रहे. गार्ड का गुस्सा शांत नहीं हुआ. दूसरी घटना गुरुवार को एम्स के ओपीडी में हुई थी. जहां एक्सरे विभाग में सिवान की महिला मरीज अनिता देवी के पति विजेंद्र गुप्ता को गार्ड ने पीटकर उनका सिर फोड़ दिया था. जिसके बाद घायल विजेंद्र गुप्ता के सिर पर कई टांके लगाए गए थे. हालांकि फुलवारी थानाध्यक्ष सफीर आलम ने बताया कि इस मामले में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.
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वहीं घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एम्स प्रशासन हरकत में आया और एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि एम्स में वेंटिलेटर बेड खाली नहीं होने पर कैंसर मरीज दीपक को जगह नहीं मिली थी. जिससे उनके परिजन उग्र हो गए थे, जिसके बाद गार्ड ने उनकी पिटाई कर दी थी. हालांकि एम्स प्रशासन ने इन दोनों घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए कमिटी भी गठित की है. साथ ही इस मामले में संलिप्त पाए ग