पटना- विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आसा’ का विलय रविवार को जन सुराज में कर लिया. आसा नाम से नई पार्टी का गठन उन्होंने 31 अक्टूबर 2024 को किया था.
आरसीपी सिंह के जन सुराज में शामिल होने और पार्टी का विलय करने पर सत्तारूढ़ जदयू और बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है.जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार सिंह ने कहा कि राजनीति के दो विषैले कीटाणु आज साथ मिल गए हैं. उन्होंने आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर की जोड़ी को विश्वासघाती बताया.
नीरज कुमार सिंह ने कहा, “जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं. एक तरफ आरसीपी सिंह हैं. उनके खिलाफ साइलेंट करप्शन और संपत्ति सृजन के आरोप लगे. दूसरी तरफ प्रशांत किशोर हैं. प्रशांत किशोर का तेलंगाना की एक कंपनी से आर्थिक लेन-देन को हमने उजागर किया था.”
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उन्होंने आरसीपी सिंह को नालंदा की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी. दावा किया कि मुखिया पद के चुनाव में मिले वोट से भी कम आरसीपी सिंह को प्राप्त होगा. भविष्यवाणी सच साबित नहीं होने पर नीरज कुमार सिंह ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया.
बीजेपी भी दोनों की जोड़ी पर चुटकी लेने में पीछे नहीं रही. बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने घटनाक्रम पर व्यंग्य कसते हुए कहा, “नगरी नगरी द्वारे द्वारे घूम रहे आरसीपी सिंह, शायद कहीं किनारा मिल जाए. कभी पावरफुल नेता माने जाते थे, नीतीश कुमार के सचिव रहे लेकिन राजनीति में कोई किसी का स्थायी नहीं होता.”
प्रशांत किशोर पर भी प्रभाकर मिश्रा ने तंज कसा. उन्होंने कहा, “PK को खुद की पार्टी का कोई भविष्य नहीं दिखता. आरसीपी सिंह पहले सभी सीटों पर चुनाव की बात कर रहे थे. अब अपनी ही पार्टी का विलय कर बैठे. आगे-आगे देखिए होता है क्या.
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