रांची- रमजान के रोजे के बाद सोमवार को देशभर में मुस्लिम समुदाय के लोग ईद धूमधाम से मना रहे हैं. इस कड़ी में रांची में भी ईद की धूम दिखी. सुबह के समय नए-नए कपड़े पहनकर बच्चे, बुजुर्ग और युवाओं ने अपने-अपने घरों के पास के ईदगाहों और मस्जिदों में सामूहिक रूप से ईद की नमाज अता की.
नमाजियों की सुविधा के लिए अलग-अलग ईदगाहों और मस्जिदों में “ईद की नमाज” का समय अलग-अलग निर्धारित किया गया था. ईद की नमाज के बाद मौलाना असगर मिस्बाही ने अपने संदेश में कहा कि ईद और इस्लाम मोहब्बत का पैगाम देता है.
इस्लाम इंसान से इंसान के बीच मोहब्बत का पैगाम देता है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में विभिन्न धर्मों के लोग प्रेम और भाईचारे से रहते हैं. मजहब की आजादी ही यहां की खूबसूरती है. कुछ लोग इस खूबसूरती को खत्म करना चाहते हैं. ऐसे में मुल्क की हिफाजत की जिम्मेवारी हमारी है.
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मौलाना असगर मिस्बाही ने कहा कि जो लोग नफरत फैलाना चाहते हैं उनके मंसूबों को हमें प्रेम और भाईचारे से नाकाम करना है. उन्होंने कहा कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है. जो उनका फर्ज है वह अहले सियासत जानें…”मेरा पैगाम ए मोहब्बत है जहां तक पहुंचे.”
इस दौरान मौलाना असगर मिस्बाही ने कहा कि ईद के मौके पर वह केंद्र की सरकार से आग्रह करते हैं कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को वापस ले ले. ईद की नमाज के दौरान कुछ लोगों ने पीएम मोदी से वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक वापस लेने का बैनर लिए हुए भी नजर आए. जिसमें ईद की सौगात के रूप में संशोधन विधेयक वापस लेने की अपील की गई थी.
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