पटना- पटना में 23 अगस्त को BPSC शिक्षक 25 वर्षीय अविनाश कुमार की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी थी। पानी के तेज बहाव में वो बह गये लेकिन अभी तक शव का पता नहीं चल सका है.
शिक्षक की मौत के बाद सरकार की नींद खुली और आनन-फानन में यह फैसला लिया गया कि बाढ़ग्रस्त इलाके में तैनात शिक्षकों के आवागमन के लिए घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाएगी। हरेक नाव पर लाइफ जैकेट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहेगा। वही गोताखोर की भी तैनाती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने तमाम डीएम को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
इस आदेश के बाद दानापुर के नासरीगंज स्थित गंगा घाट पर बीपीएससी शिक्षकों के लिए विशेष नाव की व्यवस्था तो की गई लेकिन लाइफ जैकेट गायब था। जिसके कारण शिक्षकों ने नाव पर चढ़ने से मना कर दिया।
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शिक्षकों ने कहा कि घाट पर नाव की व्यवस्था तो कर दी गयी है लेकिन लाइफ जैकेट मुहैया नहीं कराया गया है। गंगा का जलस्तर काफी बढा हुआ है। जिसके कारण तेज लहर और उफान देखा जा रहा है। ऐसे में नाव पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं है।
जब तक लाइफ जैकेट की व्यवस्था नहीं की जाएगी वो नाव से यात्रा नहीं करेंगे। अपनी जान जोखिम में नहीं डालेंगे। जान है तो जहान है। शिक्षकों के इस विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने बाढ़ग्रस्त इलाकों के स्कूल को बंद करने का आदेश दे दिया।
बता दें कि पटना में 23 अगस्त को दो नावों की टक्कर के बाद BPSC शिक्षक 25 वर्षीय अविनाश कुमार की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी। पानी के तेज बहाव में वो बह गये लेकिन अभी तक शव का पता नहीं चल सका है।
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बताया जा रहा है कि अविनाश ने पहले बाइक को नाव पर चढ़ाया फिर खुद नाव पर चढ़ने लगे। इसी दौरान पीछे से आ रही दूसरी नाव ने टक्कर मार दी। जिसके कारण अविनाश गंगा नदी में गिर गये। उन्हें तैरना नहीं आता था जिसके कारण वो नदी के तेज बहाव में बह गये।