रांची- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी और अंतरिम जमानत देने की मांग वाली झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. बहस कल यानि बुधवार को भी जारी रहेगी. बताया जा रहा है कि आज बहस करीब 1.30 घंटे तक चली.
हेमंत सोरेन की ओर से कोर्ट में पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने चुनाव का हवाला देते हुए सुनवाई टालने पर विरोध जताया. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि उसके पास दूसरे मामले भी सूचीबद्ध है और ऐसे में उन्हें भी सुनना है.
कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह 8.86 एकड़ जमीन का मामला है और इससे सोरेन का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इन जमीनों का रिकॉर्ड 1979 में अलग-अलग लोगों को ट्रांसफर दिखाता है. सोरेन तो तब 4 साल के थे. सिब्बल ने आगे कहा कि जमीन पर एक बिजली कनेक्शन भी है और यह हिलेरियस कच्छप के नाम पर है. वह मामले में आरोपी नंबर 4 है और जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है. इन लोगों से सोरेन का कोई संबंध नहीं है.
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वहीं ईडी ने दलील दी कि अगर सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो जेल में बंद सभी नेता जमानत की मांग करेंगे. ईडी के वकील एस वी राजू ने इसके जवाब में कहा कि सिब्बल यह नहीं कह सकते कि जमीन पर कोई विवाद ही नहीं है. मेरी बारी आएगी तो मैं दिखाऊंगा कि क्या-क्या विवाद है.
बता दें कि ईडी ने सोमवार (20 मई) को सोरेन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में 285 पन्नों के अपने एफिडेविट में कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद साक्ष्य से यह स्थापित होता है कि हेमंत सोरेन अवैध तरीके से संपत्तियां हासिल करने और उनपर कब्जा रखने में शामिल हैं.
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