पटना- बिहार सरकार द्वारा जेल से रिहा कर दिये गए पूर्व सांसद आनंद मोहन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. नाराज कोर्ट ने आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भी जमकर फटकार लगायी है.
बता दें कि पिछले 23 अप्रैल को बिहार सरकार ने जेल में बंद आनंद मोहन को रिहा कर दिया था. राज्य सरकार ने इससे पहले उम्र कैद की सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई के लिए बने नियमों को बदल दिया था. पहले ये प्रावधान था कि लोकसेवकों यानि सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की हत्या के दोषी को जेल से रिहा नहीं किया जायेगा. लेकिन राज्य सरकार ने इस नियम को खत्म कर अच्छे आचरण का हवाला देकर आनंद मोहन को रिहा कर दिया था.
आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्याकांड के दोषी थे. आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी. कृष्णैया की विधवा उमादेवी कृष्णैया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था.
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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद बड़े आदेश दिये. कोर्ट ने कहा कि तत्काल प्रभाव से आऩंद मोहन का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाये. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आनंद मोहन को स्थानीय पुलिस के पास हर 15 दिन पर हाजिरी लगाने को कहा है. कोर्ट की बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जतायी. याचिका दायर करने वाली उमादेवी कृष्णैया ने केंद्र सरकार को भी प्रतिवादी बनाया था. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए इस मामले में एक सप्ताह में जवाब देने को कहा. कोर्ट की बेंच ने कहा कि ये मामला लगातार टल रहा है. कभी राज्य सरकार समय मांगती है तो कभी केंद्र सरकार जवाब नहीं देती है. मामले को और अधिक टाला नहीं जा सकता. केंद्र सरकार को इस मामले में एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह इस मामले में आखिरी फैसला सुनायेगी. इसके लिए 27 फरवरी को सुनवाई की आखिरी तारीख रखी गयी है. कोर्ट ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण मामले को और आगे टाला नहीं जा सकता. लिहाजा अगली तारीख पर फैसला सुना दिया जायेगा.
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