यूपी- अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है. देश-दुनिया की तमाम हस्तियों को बुलाया जा रहा है. लेकिन मंदिर आंदोलन के प्रणेता रहे पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को न्योता नहीं दिया गया है. इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से उद्घाटन समारोह में न पहुंचने की अपील की है.
चंपत राय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों के चलते उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे. दोनों बुजुर्ग हैं. इसलिए उनकी उम्र को देखते हुए उनसे न आने का अनुरोध किया गया है, जिसे दोनों ने स्वीकार भी कर लिया है.
मंदिर समिति के इस फैसले पर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. कहा जा रहा है कि देश और दुनिया के दूसरे बुजुर्गों को जब बुलाया जा रहा है तो इन दोनों को ही क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? ऐसा करके मंदिर समिति क्या संदेश देना चाहती है. आयोजन समिति के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जा रहा है.
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किस-किस को भेजा गया है निमंत्रण?
चंपत राय ने प्रेस वार्ता में बताया कि ‘विभिन्न परंपराओं के 150 साधु-संतों और छह दर्शन परंपराओं के शंकराचार्यों सहित 13 अखाड़े इस समारोह में भाग लेंगे. कार्यक्रम में लगभग चार हजार संतों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा 2200 अन्य मेहमानों को भी निमंत्रण भेजा गया है.” राय ने बताया कि काशी विश्वनाथ, वैष्णोदेवी जैसे प्रमुख मंदिरों के प्रमुखों, धार्मिक और संवैधानिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है.’ तो सवाल यह है कि आयोजन समिति ने सिर्फ आडवाणी और जोशी जैसे बुजुर्गों को उनके बुढ़ापे के आधार पर समारोह से दूर करके सनातनियों के सामने कौन सा उदाहरण पेश किया है?
बता दें कि राम जन्मभूमि का आंदोलन शताब्दियों से चल रहा है पर इस आंदोलन को जनता की आवाज सबसे पहले लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही बनाया जा सका. लालकृष्ण आडवाणी ने रामजन्म भूमि के लिए सोमनाथ से रथयात्रा निकाली थी . 25 सितंबर 1990 को लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से राम रथ यात्रा की शुरुआत की. इस यात्रा को डेढ़ महीने बाद बाद अयोध्या पहुंचना था लेकिन यात्रा जब बिहार पहुंची तो राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया. विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल और बीजेपी नेता आडवाणी का ही कमाल था कि पूरे देश में जन-जन की डिमांड बन गया अयोध्या में रामजन्मभूमि का निर्माण।
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