रांची- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में 10 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि गैर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में छात्रों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कॉपियां प्रदान की जाएंगी। यह कदम शिक्षा के स्तर को सुधारने और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कैबिनेट ने अल्पसंख्यक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराने के फैसले को मंजूरी दी. आउटसोर्सिंग के जरिये रखे जाने वाले कर्मियों को भी अब आरक्षण का लाभ मिलेगा.
सालाना तीन प्रतिशत उनको इन्क्रीमेंट भी मिलेगा. कैबिनेट में जल संसाधन आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. कक्षा 9 से 11 तक के छात्रों के लिए साइंस मैगजीन और 11वीं-12वीं के छात्रों के लिए प्रतियोगी मैगजीन प्रत्येक माह उपलब्ध कराने का फैसला सरकार ने किया है.
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इसके अलावा, जल संसाधन आयोग के गठन को भी मंजूरी दी गई है। यह आयोग जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए नीतियों का निर्माण करेगा, जिससे जल संकट की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा झारखंड वरीय न्यायिक सेवा (भर्ती, नियुक्ति एवं सेवाशर्तें) नियमावली, 2001 के नियम 4(a) में उल्लिखित प्रावधान तथा झारखंड उच्च न्यायालय की अनुशंसा के आलोक में, झारखंड वरीय न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीश के पद पर श्री विकेश को सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किये जाने की स्वीकृति दी गयी.
राज्य योजना अंतर्गत चतरा जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इटखोरी के भवन निर्माण की योजना में गबन की गयी राशि का उपायुक्त, चतरा द्वारा वसूली कर राजकोष में जमा करने की प्रत्याशा में गबन की राशि के समतुल्य राशि 22,07,722 रुपए पुनः आवंटित करने की स्वीकृति दी गयी.
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भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के झारखंड में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पर प्रतिवेदन (झारखंड सरकार, वर्ष 2025 का प्रतिवेदन सं-1) को झारखंड विधानसभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गयी.
झारखंड हाईकोर्ट में दायर दायर वाद संख्या-WPS No. 3329/2022, राम विलास सिंह बनाम झारखंड सरकार एवं अन्य के क्रम में राम विलास सिंह, सेवानिवृत्त पदचर की सेवा नियमित एवं संपुष्ट किये जाने एवं देय ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गयी.
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वर्ष की राज्य वित्त लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को झारखंड विधानसभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गयी.