रांची- भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है. झामुमो और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
वहीं पूरे मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने और इस मुद्दे पर देश की जनता के सवालों का जवाब देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की.
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि हम सभी को उम्मीद थी कि इस बार 1971 दोहराया जाएगा, पाकिस्तान के कई टुकड़े हो जाएंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर का हिस्सा हमारा होगा, लेकिन सेना को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया और उनका मनोबल तोड़ दिया गया.
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झामुमो नेता ने कहा कि कल शाम से ही देश की जनता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद कर रही है, जिन्होंने 1971 में अमेरिकी राष्ट्रपति के दबाव के आगे झुके बिना पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया था. उन्होंने कहा कि भारत का फैसला हमारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री करेंगे या अमेरिका के राष्ट्रपति? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब राज्य और देश की जनता मांग रही है.
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि आज 140 करोड़ लोगों के सामने हमारी आयरन लेडी इंदिरा गांधी को याद किया जा रहा है, जब 1971 में अमेरिका के दबाव के बावजूद उन्होंने झुके बिना पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया था.
कांग्रेस नेता ने यह भी मांग की कि पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. साथ ही इस मामले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए.
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