डेस्क- बांग्लादेश में अब भी हिंसा जारी है. जबकि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और देश भी छोड़ दिया है. अब उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं. सोमवार को जेसोर में एक होटल में उपद्रवियों ने आग लगा दी, जिसमें आठ लोगों लोगों की जलकर मौत हो गई और 84 अन्य घायल हो गए.
बांग्लदेश के अखबार डेली पोस्ट के अुनसार, सोमवार को कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भीड़ ने हमला किया. इस भीड़ ने उनके कीमती सामान भी लूट लिए गये.
डेली पोस्ट के अुनसार, लालमोनिरहाट सदर उपजिला में, भीड़ ने सोमवार शाम तेलीपारा गांव में लालमोनिरहाट पूजा उद्योग परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की. उन्होंने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्योग परिषद के नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)
इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, हातिबंधा उपजिला के पूरबो सरदुबी गांव में सोमवार रात 12 हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई. पंचगढ़ में, सदर उपजिला में कई हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.
बांग्लादेश के शेरपुर जिला जेल में उपद्रवियों ने धावा बोल दिया और करीब 500 कैदियों को जेल से भगाने में मदद की. सोमवार को कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने जुलूस निकाला. इस दौरान भीड़ ने शहर के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित डिस्ट्रिक्ट जेल पर धावा बोल दिया. उपद्रवियों ने जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी.
उपद्रवियों ने अवामी लीग के सांसद काजी नबील के आवास पर भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घर को भी आग आग के हवाले कर दिया गया. बता दें कि मुर्तजा आवामी लीग के नेता हैं. उन्होंने जनवरी में हुए आम चुनावों में शेख हसीना की पार्टी से चुनाव लड़ा था और संसद सदस्य बने थे.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)
बता दें कि कोटा सिस्टम के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने के अंत में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन तब नाटकीय रूप से बढ़ गया जब देश के सबसे बड़े ढाका विश्वविद्यालय में आंदोलनकारी छात्रों की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हो गई.
इससे पहले 5 अगस्त को बांग्लादेश में बिगड़ते हालातों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ने पर मजबूर हुईं. फिलहाल सेना ने बांग्लादेश में शासन संभाला है और अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है.