डेस्क- टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष अदालत में लोकसभा सदस्यता समाप्त किये जाने के फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने याचिका दाखिल की है। महुआ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए एथिक्स कमेटी की सिफारिश और लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए पारित किए गए प्रस्ताव को गलत बताया है।
बता दें कि “कैश फॉर क्वेरि” मामले में महुआ मोइत्रा की लोकसभा से सदस्य्ता समाप्त कर दी गई है. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में चर्चा कराई गई। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद वोटिंग हुई। वोटिंग के बाद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा ने स्वीकार कर लिया और उनकी सदस्यता को रद्द कर दी थी।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि वे लोकसभा में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी की ओर से सवाल पूछने के लिए पैसे लेती हैं। सांसद की शिकायत पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी इस पूरे मामले की जांच की। एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट सदन में रखा। एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को सही बताया और उनकी सदस्यता रद्द करने की शिफारिश लोकसभा स्पीकर से की।
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