पटना- पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए एक मुखिया को पद पर बने रहने का आदेश दिया है जिसे नेपाली नागरिक बताकर हटा दिया गया था. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह इस विवाद को केंद्र सरकार के पास विचार के लिए भेजे ताकि यह पता चल सके कि याचिकाकर्ता ने स्वेच्छा से नागरिकता हासिल की थी या नहीं.
मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने बिल्टू राय द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक अपीलकर्ता मुखिया के पद पर बने रहने का हकदार होगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग के उस आदेश को ख़ारिज कर दिया जिसके तहत मुखिया को उसके पद से हटा दिया गया था.
सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के भलुआहा पंचायत के मुखिया बिल्टू राय उर्फ बिलट उर्फ बिलट प्रसाद यादव को राज्य निर्वाचन आयोग ने अयोग्य ठहरा दिया था. परसा खुर्द के निवासी मुकेश कुमार साह ने शिकायत की थी कि भलुआहा पंचायत के मुखिया नेपाल के नागरिक हैं.
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आयोग ने फैसला सुनाते हुए बिल्टु राय को मुखिया पद से हटा दिया था. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने तब कहा था कि बिल्टु राय 2007 से ही नेपाल के नागरिक हैं और उन्होंने इस बात को स्वीकार भी किया है.